Prakash thakur

I am prakash thakur, i am a student of 11th science,
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Sunday, 4 September 2011

Kavita - sansad me

sansad me

गोला औ बारूद हमारी संसद में
रूत बदली क्या खूब, हमारी संसद में.

‘भूख’ ‘विकास’ के मुद्दे ठंढे बस्ते में
‘कफन’ और ‘ताबूत’ हमारी संसद में.

लू के नए थपेडे लेकर आई है
घोटालों की धूप हमारी संसद में.

किसने लूटा देश ये सारा जग जाने
मिलते नहीं सबूत हमारी संसद में.

बीन लिये सारे गुल मा/ के दामन से
बैठे चुने ‘सपूत’ हमारी संसद में.

दाग भरे दामन भी पाक नजर आए/
वैसी मिले ‘भभूत’ हमारी संसद में.

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