Prakash thakur

I am prakash thakur, i am a student of 11th science,
I like bloging



Saturday, 3 September 2011

Maithili ka vikas




मिथिला आ मैथिली भाषाक विकास हवाई सर्वेक्षण सं संभव नहि छैक |मैथिली भाषा संवैधानिक अधिकार त पाबि गेल मुदा मिथिलाक सर्वांगिन विकास त’ एखन कोसो दुर अछि |मैथिलीक संवैधानिक अधिकार भेटने काजक इतिश्री नहि भ’ गेलैक |इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया ,प्रिंट मीडिया आ अन्य संबाद श्रोत सं मैथिलीक लेल मात्र ढोल पिटल जाइत अछि |कतेक गगन विहारी नेता वोट क्लव पर दिल्ली मे जाकय ओहीठाम दसटा मैथिल क’ पकरि इन्क्लाव –ज़िंदा वाद ,आ ५-१० टा मांगक नारा दय अखवार आ टी०वी० मे अपन वक्तव्य दय मिथिलाक विकासक सहयोगी भ’ जायत छथि |यद्यपि अगर ओ गगन विहारी नेता ओतबो नहि करताह त’ मैथिली क’ नामो लेवा वाला ताकने नहि भेटतइक ,एहि लेल ओ जरुर धन्यबादक पात्र छथि |एखन तक त’ यैह देखलियइ अछि |लेखक –कथाकार अपन काज बाखुबी निमाहि रहल छथि |मैथिली भाषाक खजाना दिन दिन भरि रहल छैक ताहि मे कोनो संदेह नहि |

मिथिलाक विकासक लेल ओकरा जमीनी लीडरसिप चाही |एहन एहन ग्रुप बनय जे ग्रुप मिथिलाक सुदूर देहात मे घुमि लोक सभ क’ जागृत करय , जे ओकर भाषा, मात्र मैथिली छैक |ओ जे बजैत अछि सैह मैथिली छैक | मैथिलीक संग कतेक षड़यंत्र भ’ रहल छैक |कनेक टेढ़ बाजू त’ मैथिली ,बज्जिका ,अंगिका मुंगेरिया आ आर कतेक भाषा मे परिणत भ’ जायत छैक |मुदा से गलत छैक |कोनो भाषा शुद्ध सभठाम नहि बाजल जायत छैक |जे हिंदी इलहाबादक छैक से कतौ दोसर ठामक छैक की ? जतेक प्रान्त ओतेक तरहक हिंदी | बनारस ,पटना ,कोलकोता ,भोपाल ,चंडीगढ़ ,दिल्ली आ दक्षिण भारत कतौक हिंदी मानक नहि मुदा ओ सभ हिंदी छैक | हर भाषा मे वैह बात छैक मुदा मैथिली संग सौतेला जका व्यबहार |एकर मूल कारण जे ग्रासरूट पर हम सभ मैथिल के एखन तक जागृत नहि कयल |

हमरा फिल्ड मे काज करबाक मौक़ा भेटैत रहैत छल |सहरसा ,पुरनिया आ कटिहार जिलाक सुदूर देहात मे जाइत छलौ त’ देखियैक मैथिली छोरि कोनो भाषा केकरो नहि बाजल होयक | पुछला पर उत्तर भेटय जे “हमरा सभक मातृभाषा हिंदी अछि “ |ईहो बात मैथिली मे बजैत छल | एकबेर सहरसा जिलाक एकटा कालेज टीचर सं गप्पक काल कहलनि जे हुनकर मातृभाषा हिंदी छनि |हम पुछलियइन ,जे अहाँक घर सुपौल लग अछि |अहाँक माँ –बाबूजी जाहि भाषा मे अहाँ सं गप्प करैत छथि ओ कोन भाषा छैक? बेचारे चुप भ’ गेलाह | कहक मतलब ओ भाषाक प्रति जागरूक नहि छथि |हम हायरसेकेंड्री मे पढैत रही |हमर एकटा मित्र छलाह श्री राम परीक्षण यादव |बोर्ड क’ परीक्षा जखन ६ मास रहलैक तखन ओ एक दिन हमरा कहलनि ,दोस्त –हमरा त’ सभ सं बेसी डर हिंदी सं होयत अछि |हम कहलियैन जे मैथिली राखि लिअ |ओ कहलनि मैथिली त’ आओर भारी छैक |हम कहलियैन अपन मातृभाषा अछि ,जल्दिये सीख लेब | हुनका हम मददि करय लगलियनि |रिजल्ट बहार भेलैक |स्कुल मे सभ सं बेसी अंक रहनि |आइ हमर ओ मित्र संयुक्त सचिव भ’ रिटायर क’गेलाह आ पूर्ण मैथिल छथि |

१- मिथिला आ मैथिलीक विकासक लेल ग्रासरूट पर मैथिल क’ जागृत केनाइ २-प्राथमिक कक्षा सं मैथिली मे अनिवार्य शिक्षा | ३ –जे बहुत अल्ट्रा माडर्न छथि ओ कम सं कम अपना घर में अपना परिवार सं मैथिली मे गप्प करथि |हम त’ कतेक क’ देखलियइन अछि जे पत्नी सं हिंदी मे बात करैत |ओकर प्रभाव त’ बाल- बच्चाक संस्कार पर परतैक |ओ बच्चा अपन भाषा क’ बिसरि जेतैक |जत’ क’ मैथिली जेहन छैक ओहने क’ व्यवहार करू |ओ परफेक्ट मैथिली छैक |एकटा बात स्मरण आबि रहल अछि |हम बरस ७०-७१ मे मोती लाल रीजिनल इंजिनियरिंग कालेज मे पढैत रही |अखिल भारतीय मैथिली साहित्य समितिक अध्यक्ष स्व० डा० श्री जय कान्त मिश्र छलाह आ हम सचिव रही ||हम सभ मैथिलीक कार्यक्रम समय समय पर करैत रहैत छलौ |विद्यापति पर्व मनेबाक कार्यक्रम बनलैक |स्वागताध्यक्ष केकरा बनायल जाय ?|हम कहलियैन हमरा कालेज मे डॉ०एस ० एन० सिन्हा ,एच ० ओ० डी० छथि ,हुनका बनायल जाय |प्रस्ताव पारित भेल |हम सभ डॉ० सिन्हा लग गेलौ |ओ कहलनि डॉ० राम कुमार वर्मा उदघाटन करताह आ हमरा मैथिली बाजल नहि होयत अछि |डॉ० मिश्र कहलखिन ,सिन्हाजी ,अहाँक घर सीतामढ़ी थीक ,मैथिलीक जन्म स्थली |अहाँ अपना घर मे जे बजैत छि सैह मैथिली थीक ||ओ बात मानि गेलाह मुदा हुनका डर होयत रह्लनि कारण एहि कार्यक्रम मे इलहाबादक तथा बिहारक पैघ हस्ती सभ भाग लइत छलाह |डॉ० सिन्हा ३-४ लाइन शुद्ध मैथिली में लिखाकय घोखि गेलाह |हम सभ जाइ त’ बे- रोकटोक सूना देथि | जखन कार्यक्रम प्रारम्भ भेलैक त’ ओ एक लाइन बाजि चुप भ’ गेलाह |१-२ मिनट चुप रहलाह |हुनका डॉ० मिश्रक बात याद परलनि |आ धारा प्रवाह अपन घर आंगनक मैथिली भाषा मे लगभग आधा घंटा तक बजलाह |पूरा हाँल ताली सं गुंजायमान भ’ गेल |तैं पूर्वी चम्पारण सं महानंदाक तट आ नेपालक तराई सं गंगाक तटक बीच मे जे भाषा बाजल जायत छैक ओ शुद्ध मैथिली छैक | प्राथमिक कक्षा सं अनिवार्य मैथिली भाषा मे पढाई भेला सं सबटा गैप स्वतः समाप्त भ’ जेतैक |मैथिली जागरणक लेल नवतुरिया सभ जिला स्तर पर ग्रुप बनाऊ |मानैत छी समय क’ अभाव अछि मुदा एही मे सं समय निकलय परत | ग्रुप बनैक त’ हमरो नाम द’ सकैत छी |

हे नवतुरिया जागू
tags - Maithili , Mithlanchal , Maithil , Maithili

No comments:

Post a Comment